Who are social reformers of India, Social reformer of india in 21st century, Upsc social reformers of india, What is social reformer of india, Social reformers of India and their birthplace, Social reformers of India.
नमस्कार दोस्तों आपकी और हमारी इस साईट पर फिर एक बार आपका स्वागत है. दोस्तों फिर हम आपके सामने एक नई पोस्ट लेकर आये है Social reformers of India.
दोस्तों आज हम इस पोस्ट में बात करेंगे भारत के समाज सुधारक की दोस्तों समाज सुधारक मतलब जो वेक्ति सब कुछ भूल कर समाज के प्रति एंव समाज के लोगो के प्रति पूरी श्रद्धा और निष्ठा से काम करता है उसे हम समाज सुधारक के नाम से जानते है Social reformers of India.

ऐसे ही कुछ समाज सुधारक हमारे भारत देश में भी थे जिन्नोने अपना पूरा जीवन भारत की सेवा और लोगो के भलाई करने में लगा दिए उन लोगो में ये जस्बा था की हम देश के लिए कुछ करेंगे और हमारे भारत देश उचाई पर लेकर जायेगे इस जस्बे के सात हमारे देश के ये महापुरष समाज के प्रति काम करते थे.
Social reformers of India :
दोस्तों अगर हम सब में ये जस्बा और कुछ कर दिखने के चाह है तो हम भी अपने देश के लिए कुछ अच्छा कर सकते है जिस से हमरे देश को फायदा हो आज हम आपको बतायेगे के इन महापुरुषों ने अपने जीवन में क्या महान काम किया है जिस से आज भी हम सभी लोग इन का नाम एक महापुरष के रूप में और एक अच्छे समाज सुधारक के रूप लेते है.
दोस्तों इन सभी के काम से आपको प्रेरणा मिलेगी इस पोस्ट को ध्यान से पड़े और अपने जीवन में इन के किये गए काम को और इन्नोने जो सिखाया उस शिक्षा को अपने जीवन में लाय और अपना जीवन सफल बनाये. तो चलिए दोस्तों चलते है आज की हमारी इस पोस्ट की तरफ अगर आपको हमारी ये पोस्ट अच्छी लगे तो इस पोस्ट को जरूर शेयर करे और दिल अगर कोई बात हो तो हमें कमेंट कर के जरूर बताये.
- महात्मा फुले – पुणे
- शाहू महाराज – कागल (कोल्हापुर)
- लोकमान्य टिऴक – चिखली (रतनागिरी)
- महर्षि कर्वे – शेरवली (रतनागिरी)
- वि. रा. शिंदे – जामखिंडी (कर्नाटक)
- विनोबा भावे – गागोडे (रायगड)
- गो. ग. आगरकर – टेंभू (सातारा)
Social reformers of India : and their birthplace
महात्मा फुले – पुणे
महात्मा फुले का पूरा नाम ज्योतिरांव गोविंदराव फुले था उनका जन्म 11 अप्रिल 1827 में पुणे में हुआ था वे एक समाज सुधारक थे. उनको महत्मा फुले और ज्योतिबा फुले के नाम से भी जाना जाता था. इनकी मुत्यु सन २८ नवम्बर 1890 में हुई थी. इनका मानना था की समाज के सभी वर्गों को शिक्षा मिले और उन में शिक्षा प्रदान करने के प्रबल इच्छा भी थी समाज में जो चली आरही जाती मतभेत पर आधारित भेदभाव के वे विरुद्ध थे.
फुले ने महिलावो को शिक्षा देने के लिए और उनकी हालत शुधारने के लिए सन १८४८ में महिलावो के लिए एक स्कूल की स्थापना की और उनको शिक्षा दी उस समय में यह पहिला स्कूल था जहा महिलावो शिक्षा मिलती थी और महात्मा फुले उनको शिक्षा देते थे. जब महीलावो को पढ़ाने ने के लिए कोई दूसरा मिला नही तब महात्मा फुले ने अपनी पत्नी सावित्री को ही महिलावो को पढ़ाने के काबिल बना दिया. कुछ लोगो ने सुरु से ही फुले जी का कार्य रोकने के बहुत कोशिश की और इतना ही है नही उनके पिता पर दबाव डाला उनके पत्नी को घर से निकलवाया और महात्मा फुले पर फत्तर तक मारे पर महात्मा फुले नही रुके और वे आगे बड़ते चले गये और उन्नोने एक के बाद एक महिलावो के लिए तिन स्कूल खोल दिए.
शाहू महाराज – कागल (कोल्हापुर)
शाहू महाराज इन्नोने अपने जीवन में बहुत से सामाज कल्याण के लिए सामाजिक कार्य किये है. शाहू महाराज का जन्म सन २६ जून 1874 में कोल्हापुर जिल्हे के कागल गाव में हुआ था. उनके पिता का नाम जयसिंगराव एवं माता का नाम राधाबाई था. शाहू महाराज ये कोल्हापुर के राजा थे उन्नोने २८ साल राज किया और उनका निधन सन ६ में १९२२ में मुंबई में हुआ था. शाहू महाराज ने अपनी जीवन में समाज के प्रति एवं सामाजिक कल्याण के प्रति एसे बहुत से सामाजिक कार्य किये जिन के वजहसे हम आज भी उने याद करते है.
सन १९१७ में शाहू महाराज ने पुनर्विहाका का कायदा करके विधवा को मान्यता मिला कर दी. शाहू महाराज ने बहुजन समाज को अच्छा शिक्षण मिले उसके लिए बहुत शंघर्ष किया और कोल्हापुर में प्राथमिक संस्था फ्री कर दिए. उन्नोने जाती भेद बंद कराया और अपने देश में आंतरजाती को मान्यता दिलाने वाला कायदा जारी किया. और भी बहुत से सामाजिक काम शाहू महाराज ने किये है.
लोकमान्य टिऴक – चिखली (रतनागिरी)
लोकमान्य टिऴक का जन्म २३ जुलाई १८५६ में रत्नागिरी जिल्हे के एक छोटे गाव चिखली में हुआ था. जब लोकमान्य टिऴक का जन्म हुआ तब हमारा भारत देश पर ब्रिटिश सरकार का राज था. लोकमान्य टिऴक ये अच्छे समाज सुधारक थे और सामाज के उन्नोने सामाजिक कार्य में बहुत सात दिया. ये एक पाहिले भारती थे जिन्नोने विदेशो के भी कॉलेज में अपनी पढाई पूरी की इन्नोने स्कूल और कॉलेज में भी बच्चो को गणित की शिक्षा दी और ऐसा मानते थे की ये भारतीय सभ्यता के प्रति अनादर शिकाती है.
टिऴक जी ने भारत का शिक्षा का स्तर शुधारने के लिए एक सोसायटी के निर्माण किया जिस को नाम दिया दक्खन शिक्षा सोसायटी इस सोसायटी से भारत में शिक्षा के में स्तर सुदार हुआ. लोकमान्य टिऴक ने ब्रिटश सरकार के विरुद्ध आंधोलन किया की ब्रिटिश सरकार भारत वाशिवो को पूरा स्वराज्य दे और यहाँ से चली जाए लोकमान्य टिऴक को भारत देश के लिए कही बार जेल भी जाना पड़ा. लोकमान्य टिऴक ने जनता के लिए मराठी में मराठा दर्पण व् केसरी नाम से समाचार पत्र भी शुरू किये और वे लोगो को बहुत ही प्रिय हुए.
महर्षि कर्वे – शेरवली (रतनागिरी)
महर्षि कर्वे का जन्म १८ अप्रिल १८५८ को रत्नागिरी जिल्हे के मुरुड नामक गाव में हुआ था. महर्षि कर्वे के माता पिता अच्छे विचारो के और स्वाभिमानी थे उनके पिता का नाम श्री केशव पंत था. उनकी आर्थिक परिस्थिति ठीक नही थी लेकिन फिर भी महर्षि कर्वे के पिता उनको अच्छी शिक्षा और संस्कार से परिपूर्ण बनता चाहते थे लेकिन अपनी आर्थिक पारिस्थिती के आगे वे अधिक कुछ कर न सके. महर्षि कर्वे कॉलेज में पढाई करते समय उन्नोने समाज सुधारने के रास्ते पर चल पड़े थे.
जब उन्नोने एक विधवा से सादी की तब उनके समाज और बिरादरी में विद्रोह उत्पन्न हो गया उनके इस कार्य से उनकी जाती और धर्म के लोगो में भी विद्रोह की भावना निर्मान हो गयी लिकिन इसी विद्रोह से महर्षि कर्वे को एक प्रेरणा मिली उन्नोने फिर विधवाओ के उद्धार और पुनर्वास के लिए प्रेरित किया. जब समाज सेवियोने और विद्वानों ने महर्षि कर्वे द्वारा विदवाओ के प्रति जलाये जाने वाले प्रयत्नों को देखते हुए सभी नही उनकी प्रशंसा की. महर्षि कर्वे भी समाज के कल्याण के प्रति अपना सारा जीवन समाज सुधारना में लगा दिया और अपनी एक छवि छोड़ दी इस लिए आज भी हम महर्षि कर्वे एक समाज सुधारक के रूप में जानते है.
वि. रा. शिंदे – जामखिंडी (कर्नाटक)
वि. रा. शिंदे ये एक अच्छे समाज सुधारक थे इनका जन्म २३ अप्रिल १८७३ में हुआ था ये मराठी समाजसुधारक, धर्मसुधारक और लेखक भी थे. वि. रा. शिंदे की मुत्यु २ जानेवारी १९४४ में हुई थी. वि. रा. शिंदे ये समाज सुधारक के सात सात एक अच्छे लेखक भी थे इन्नोने बहुत सारी प्रेषित डायरिया भी लिखी है और वो इस प्रकार लिखी है जिस से समाज के लोगोका फायदा हो और समाज उस ले कुछ प्रेरणा ले.
जब १८९८ में जब वि. रा. शिंदे कॉलेज पड़ रहे थे तब ही हुन्नोने पाहिले प्रेषित डायरी लिखी उनके बाद १९०१ में जब वि. रा. शिंदे धर्मशिक्षण की शिक्षा ले रहे थे तब इन समय के दौरान उन्नोने प्रेषित डायरी लिखी और इतना ही नही १९२८ में वि. रा. शिंदे इन्नोने ब्राह्मसमाज शतसावत्सरी सफ़र नावाची प्रेषित डायरी लिहिलेली आहे.
इनके लिखी हुई सभी डायरी में उनके वेक्तिम्ह्त्व के दर्शन होते है. उन्नोने अपनी इस डायरी में समाज के प्रति और समाज के लोगो अपने जवन में अच्छी रहा मिले और अपना जीवन अच्छी शुधारे इस प्रकार वि. रा. शिंदे ने समाज के प्रति काम किया और समाज सुधारना की.
विनोबा भावे – गागोडे (रायगड)
विनोबा भावे का जन्म 11 सितम्बर १८९५ में गगोड़ में हुआ था इन्नोने अपने जीवन में बहुत से सामाजिक कार्य किया है इनका पूरा नाम विनायक राय भावे था विनोबा भावे को आचार्य विनोबा भावे के नाम से भी जाने जाते थे. इनका जन्म एक ब्राह्मण के घर हुआ था इनके पिता का नाम नरहरी शम्भू राय एव उनके माता का नाम रुकमनी देवी था विनोबा भावे ये केवल एक समाज सुधारक नही थे समाज सुधारक के सात सात ये एक लेखक, चिन्तक, व् स्वतंत्रता सेनानी भी थे.
इनकी मुत्यु १५ नवम्बर १९८२ में हुई थी. विनोबा भावे ये सर्व धर्म समभाव वाले वेक्ती थे ये सभी धर्म को एक समान समजते थे उनक धर्म से जो दृष्टिकोण था वे बहुत ही बड़ा था और उनमे कई धर्मो का विचार सम्मलेन भी था. विनोबा भावे में धार्मिक विचारो का सम्मलेन था और इनकी एक युक्ति थे ‘ॐ तत सत’ इनकी ये एक युक्ति से पता चलता की सभी धर्मो के प्रति इनमे कितने सदभावना है. विनोबा भावे एक बाल पण में हे अपनी माता की बातो को ध्यान में रखते हुए ये धर्म का महत्व समज गये थे. इनके विचारो को भी एक युक्ति से समजा जा सकता था ‘जय जगत’ ये नारा था इस से उनके विचरो का पता चलता. इस नारे में विनोबा भावे पुरे विश्व का जयकार कर रहे थे.
गो. ग. आगरकर – टेंभू (सातारा)
गो. ग. आगरकर का पूरा नाम गोपाल गणेश आगरकर था इनका जन्म १४ जुलाई १८५६ में टेंभू गाव के सातारा जिल्हे में हुआ था. इनके पिताजी का नाम गणेशराव आगरकर था और इनके माता का नाम सरस्वती आगरकर था. गो. ग. आगरकर समाज सुधारक के सात ही एक लेखक भी थे और उन्नोने किताबे भी लिखे है उनकी पुस्तक विकार विलसित के नाम से प्रकाशित हुई. गो. ग. आगरकर की मुत्यु १७ जून १८९५ में हुई थी.
आगरकर ये एक अच्छे समाज सुधारक थे इन्नोने समाज के प्रति बहुत कुछ किया और समाज के लोगो को सही रहा दिखाई जिन से उनका जीवन सुधरे और वे अपने जीवन में आगे बढे. गो. ग. आगरकर ये कसरी के संपादक थे जब उन्नोने समाज सुधरने का निर्णय लिया तब उन्नोने केसरी संपादक से इस्तिपफा दे दिया और वे समाज सुधारने के कार्य में लग गये. १८८४ में गो. ग. आगरकर ने पुन में एक सोसायटी का निर्माण किया जिसका नाम था डेक्कन सोसायटी याह सोसायटी एजुकेशन के लिए थी.
इतना ही नही अपने सोसायटी की तरफ से सन १८८५ में एक कॉलेज का भी निर्माण किया और उस कॉलेज का नाम फग्युसन रखा. सन १८८८ में उन्नोने सुधारक नाम का खुदका स्वतंत्र साप्ताहिक सुरु किया. इस प्रकार गो. ग. आगरकर समाज सुधारना करते थे उन्नोने समाज के प्रति बहुत से कार्य किये है जिस से आज भी हम उनका नाम एक समाज सुधारने के रूप में लेते है और आगे भी लेते रहेगे.
यह भी पढ़े :
- भारत में रास्ट्रीय बैंक अवकाश
- ब्लॉग से पैसे कैसे कमाए
- अमावस्या का महत्व
- पोर्णिमा का रहस्य
- चाँद पर दाग कैसे लगा
- सूर्य भगवान और 7 घोड़ो का रहस्य
- साइबर क्राइम वकील कैसे बने
- पथोलोजिस्ट में करियर कैसे बनाए
- होम नर्सिंग में भविष्य कैसे बनाए
- मीठे पानी झिल की जानकारी
- उबलती नदी का अद्बुत रहस्य
- इलायची खाने के फायदे
- सही शहद की पहचान कैसे करे
- भुना चना खाने के फायदे
- तेज पत्ता खाने के फायदे
- रोजाना जामुन खाने के फायदे
- पत्तल में भोजन करने के बहुगुणी लाभ
- सिंघाड़ा खाने के फायदे
- पालक खाने के फायदे
- गाय के दुध का महत्व
- महिलाओ का 16 सिंगार
- इन 7 लोगो पर कभी भरोसा न करे
- सूर्य भगवान और 7 घोड़ो का रहस्य
- गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड शार्ट लव शायरी
- प्रेमिका और प्रेमी के लिए प्रेम शायरी
- रोमांटिक गजले दिल को छूने वाली
- न्यू सैड लव शायरी 2020
- धडकते दिल की शायरी
- लव शायरिया To love
- 9th क्लास की सच्ची प्रेम कहानी
- एक लड़का और लड़की की वास्तविक प्रेम कहानी
- मासूम लड़की ने दिल चुरा लिया
- एक प्रेम कहानी ऐसी भी
- अपने जीवन साथी से रोमांटिक बाते कैसे करे
- वोटर ID कार्ड डाऊनलोड कैसे करे
- वोटर ID कार्ड की गलती कैसे सुधारे
- ऑनलाइन वोटर ID कार्ड कैसे बनाए
- पैन कार्ड की गलती कैसे सुधारे
- आधार कार्ड से पैन कार्ड कैसे जोड़े
- पैन कार्ड से जुड़े सवालो के जवाब
- एक दिन में पैन कार्ड कैसे बनाए
- गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड शार्ट लव शायरी
- प्रेमिका और प्रेमी के लिए प्रेम शायरी
- रोमांटिक गजले दिल को छूने वाली
- न्यू सैड लव शायरी 2020
- धडकते दिल की शायरी
- लव शायरिया To love
- 9th क्लास की सच्ची प्रेम कहानी
- एक लड़का और लड़की की वास्तविक प्रेम कहानी
- मासूम लड़की ने दिल चुरा लिया
- एक प्रेम कहानी ऐसी भी
- अपने जीवन साथी से रोमांटिक बाते कैसे करे